महाकुंभ 2025 के दौरान धर्म संसद की शुरुआत देवकीनंदन ठाकुर के नेतृत्व में सोमवार को हुई। इस अवसर पर सनातन बोर्ड का गठन किया गया, जिसमें सरकार से हजारों करोड़ की संपत्ति और 200 मंदिरों को सनातन बोर्ड को सौंपने की मांग की गई। यह पहल महाकुंभ के समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।
अमित शाह का संगम में स्नान
महाकुंभ के 15वें दिन, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने परिवार के साथ संगम में पवित्र स्नान किया। उन्होंने अक्षय वट के दर्शन भी किए और विभिन्न अखाड़ों के साधु संतों से मुलाकात की। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। गृहमंत्री ने गंगा पूजन किया, साथ ही साधु संतों के साथ सात्विक भोजन ग्रहण किया। इस कार्यक्रम में शंकराचार्यों से आशीर्वाद प्राप्त करना उनके लिए महत्वपूर्ण रहा, जिससे उन्होंने सनातन धर्म के मार्गदर्शकों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
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श्रद्धालुओं की विशाल संख्या
प्रयागराज महाकुंभ में अब तक 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया है। सोमवार को अकेले 1.55 करोड़ लोगों ने कुंभ स्नान किया, जिसमें 10 लाख कल्पवासी शामिल थे। इस महाकुंभ का धार्मिक महत्व देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। उत्तर प्रदेश ने 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसमें 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा की है।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। धर्म संसद में उठाए गए मुद्दे और मांगें इस महाकुंभ के महत्व को और बढ़ाती हैं, जिससे यह आयोजन हर किसी के लिए विशेष बन जाता है।
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